अवतरण – 11 |
Bihar Police Constable Hindi Unseen Passages: जो विद्या की इच्छा रखता है, वह विद्यार्थी है । मनुष्य जीवनभर कुछ-न-कुछ सीखने की इच्छा रखता है । इस दृष्टि से वह सदैव विद्यार्थी रहता है, किन्तु स्थूल रूप से मानव-जीवन में विद्यार्थी काल बहुत लंबा समय नहीं है। यह मनुष्य के जीवन का स्वर्णिम काल है । विद्यार्थी जीवन हँसने-हँसाने का समय है । खेल-खेल में पढ़ाई का अभ्यास इसी क्रम में होता है। माता – पिता लाड – प्यार करते हैं। परिवारजन स्नेह की वर्षा से अबोध मन को गुदगुदाते हैं। नित्य नए मित्र बनते हैं, छेड़-छाड़ चलती है। कभी-कभी बात बढ़ जाती है और नौबत मारपीट, हाथापाई तक आ जाती है परन्तु सारा द्वेष, समस्त क्रोध, सारी कड़वाहट दूसरे पल ही नष्ट हो जाती है। आज जिससे लड़े, कल उसी के साथ बैठ मीठी-मीठी बातें करने का दृश्य दिखाई देता है । खाने-पीने और मौज उड़ाने का यह मस्ताना मौसम चाहे कितना छोटा क्यों न हो, लुभावना और सुहावना होता है । Bihar Police Constable Hindi Unseen Passages